Thursday 29 September 2016

पप्पू की चाय

पप्पू, चाय लाना

लीजिये साहब चाय

अरे तुम खुद ! पप्पू कहाँ है आज ?

 वो बीमार हो गया साहब, इसलिए गाँव भेज दिया उसे

क्या बीमारी हुई ?

डॉक्टर बोला कोई बड़ी बीमारी है, क्या तो नाम था उसका ? हाँ, मलेरिया, मलेरिया हो गया उसे

तो तुम यहाँ साफ सफाई क्यों नहीं रखते हो, आज उसे हुआ है कल तुम्हें और क्या पता मुझे भी हो जाये

छुआछुत का बीमारी है क्या साहब ?

नहीं रे बिरजू, ये तो गंदगी से फेलती है

साहब, साफ सफाई का मलेरिया से क्या सम्बन्ध ?

तुम्हें इतना भी नहीं पता कि मलेरिया केसे फेलता है ?

नहीं ।

मलेरिया मच्छरों के काटने से फेलता है, जो गंदगी में रहते है । ये जो तुम्हारें यहाँ पड़ोस में कबाड़ी की दुकान में टायरों में पड़े पानी में ही ये मच्छर अंडे देते है और फैलते है ।

ये मलेरिया होता क्या है ?

मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़(Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुत तेजी से बढ़ते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है।

अच्छा, इतना खतरनाक बीमारी है क्या ?

और नहीं तो क्या ? तुम्हें नहीं पता

नहीं

जब तुम्हें होती तब पता होता, दूसरों के दर्द से पता नहीं चलता

मेरे क्यों ?

क्योंकि वो मच्छर तो वहीं के वहीं है न, उस दुकान में

इससे कोई बचने का उपाय नहीं है क्या ?

वो गंदा ठहरा हुआ पानी फिंकवा दो जो वहाँ भरा पड़ा है

लेकिन उससे तो मेरी बोलचाल बंद है आजकल, हमारी लड़ाई हो गयी थी, पिछले महीने की 214 चाय हुई पर वो 200 ही बता रहा था तो हो गयी लड़ाई, कितनी मेहनत से कमाए जाते है पैसे, ये तो हम जानते है न

ठीक है, ठीक है । तुम्हारे ये किस्से अपने पास रखो । मेरा कोई इंटरेस्ट नहीं है इनमें । और सफाई न करवाओगे तो तुम्हारे ही नुकसान है

केसे

कल को तुम्हें हो गयी तो  ? तुम्हारे ग्राहकों के हो गयी तो तुम्हारी तो दुकान बंद हो जाएगी, अगर ये बीमारी बिगड़ गयी तो आदमी इससे मर भी सकता है ।

सच्ची में ! तब तो कल ही सारे गिले शिकवे दूर करता हूँ । और सफाई का भी बोलता हूँ उसे ।

खुद की जान पर आई तो पता चला न, और ये लड़का कौन है ? नया है क्या ?

नहीं साहब मेरा बेटा है चिंटू

तो इसे यहाँ काम पर  क्यों लगा रखा है, पढाओ इसे । अभी उम्र ही क्या है बेचारे की, खेलने- कूदने और पढने लिखने की उम्र है, पढाओ इसे

साहब पूरा 10 साल का है, अभी से धंधे पर लगेगा तो 2 - 4 साल में काम सीख जायेगा । बाद में खुद की दुकान खोलके घर चलाने में हाथ ही बंटायेगा

जेल में जाने का विचार है क्या ?

क्यों ? वो पप्पू बीमार हो गया इसलिये

नहीं, अपने बेटे से काम करवाने की वजह से

बेटा मेरा, काम मेरा फिर इसमें जेल क्यों ?

क्योंकि बाल मजदूरी अपराध है । अगर बाल मजदूरी कराता हुआ कोई पाया गया तो सीधी जेल होगी, वो भी पुरे 1 साल साथ में 10 हजार का जुर्माना भी। क्या समझे ? और कल से स्कूल भेजो पढने के लिये

ठीक है साहब, इसे पढ़ा तो ले पर आजकल स्क़ूलों की फीस इतनी है कि इसे पढ़ाना हमारे बूते से बाहर है

किसने कहा आपको,  सरकार ने 7 साल पहले एक नियम बनाया था कि 6 से 14 साल तक के सभी बच्चों को फ्री शिक्षा दी जाएगी, ये उनका हक है जो कि संविधान के अनुच्छेद 21A में लिखा है कि ये उनका मौलिक अधिकार है । और यदि कोई प्राइवेट स्कूल वाला फ्री में पढ़ाने से मना करे तो उसकी शिकायत शिक्षा विभाग में दर्ज कराओ । किसी भी प्राइवेट स्कूल की टोटल सीट में से 5% सीट RTE के तहत गरीबों के लिए आरक्षित है । क्या समझे ?

यही कि साहब, पढाई ही सब कुछ है । इसके बिना जीवन दुश्वार है ।

Dedicate to #पढ़ेगा_इंडिया_तभी_तो_बढ़ेगा_इंडिया

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