Wednesday 18 May 2016

Aap Youth Wing, Rajasthan Manifesto ( Prepared by Jitendra Puniya )

1. रोजगार - 

" बेरोजगारी सिर्फ कुछ घरों या युवाओं को ही बर्बाद नहीं करती वरन् ये पुरे देश को बर्बाद करती है "

* बेरोजगारी रोकने हेतु स्वरोजगार को बढ़ावा 
* स्वरोजगार हेतु सरकार सामाजिक और आर्थिक सहयोग देगी ।
* बेरोजगार युवाओं में Skill Development ( कौशल वृद्धि ) हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाकर रोजगार हेतु सक्षम बनाया जाये ।
* युवाओं को रोजगार हेतु सस्ता ऋण और सस्ती जमीन RICCO क्षेत्र में सिंगल विंडो पर उपलब्ध करवाई जाये ।
* रोजगार हेतु सरकार द्वारा आयोजित किसी भी भर्ती हेतु शुल्क नहीं लिया जायेगा ।
* भर्ती बोर्डों का पुनर्गठन कर उनको इस लायक बनाये कि भर्ती 6 महीने में पूर्ण हो जाये और ऑनलाइन परीक्षा करवाकर धाँधली और रिश्वतखोरी बंद की जाये जिससे भर्ती में 100% पारदर्शिता लायी जा सके ।
* भर्ती गृहजिले में ही करवाई जाये जिससे प्रार्थियों को कम से कम यात्रा खर्चा वहन करना पड़े । 
* रोजगार उपलब्ध करवाने हेतु हर 3 माह में जिला मुख्यालय पर रोजगार मेले का आयोजन किया जाये ।


2 . बेहतर भविष्य चयन 

"बेहतर भविष्य के निर्माण में विषय चयन नींव का काम करती है "

* 10वीं तथा 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई और कॅरियर चयन हेतु स्पेशल प्रोग्राम बनाये जायें ।
* बेहतर कॅरियर के प्रति अनिश्चितता खत्म करने हेतु और आगे की पढ़ाई में सही विषय चुनाव की सलाह हेतु हर ग्राम पंचायत पर गाइडेंस और नॉलेज सेंटर की स्थापना की जाये ।

3. बेहतर शिक्षा

"वर्तमान शिक्षा सिर्फ साक्षर बनाने में सहायक है, शिक्षित बनाने में नहीं, अतः इसे बदला जाये "


* हर तहसील मुख्यालय पर कम से कम एक महाविद्यालय की स्थापना की जाये जिसमें ज्यादा से ज्यादा रोजगारपरक डिग्री/डिप्लोमा कोर्स संचालित किये जाए ।
* सभी विश्वविद्यालयों में रोजगार परक विषयों को बढ़ाया जाये ।
* नई उच्च शिक्षा निति हेतु एक स्वतंत्र आयोग बनाया जाये जो वर्तमान शिक्षा के ढाँचे में आमूलचुल परिवर्तन कर इसे अधिक तार्किक और रोजगारपरक बनाने हेतु अपनी रिपोर्ट दे, जिसे अगले सत्र से लागु किया जाये ।

4. हॉस्टल

" छात्रों को शैक्षिक माहौल, सस्ता रहना और पोषक भोजन एक जगह उपलब्ध करवाने के लिये हॉस्टल सबसे उपयुक्त जगह है "

* प्रत्येक कॉलेज अपने हॉस्टल रखे जिनका वाजिब खर्चा छात्र दे सकें ।
* हॉस्टल में खाना बनाने, साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं हेतु 7 छात्रों की रेगुलेटरी/मॉनिटरिंग कमिटी बने ।
* बाहर रहकर कोचिंग करने वाले छात्रों हेतु अलग से किराया निति बनाई जाये, जिससे मकान मालिकों के आर्थिक शोषण से बचा जा सके ।

5. फ्री शिक्षा - सबको शिक्षा

" शिक्षित और स्वस्थ युवा देश की धरोहर है "

* स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक सबको फ्री शिक्षा दी जाये । इस बीच किसी भी प्रकार का शुल्क न लिया जाये ।
* बजट का 10वां हिस्सा शिक्षा, खेलकूद और युवा कल्याण पर खर्च हो ।
* 25 वर्ष की आयु तक सभी को फ्री मेडिकल फैसिलिटी दी जाये । कोई भी युवा किसी भी तरह से बोझ न बने ।
* 18 वर्ष से कम के बच्चे जो भीख माँगते हैं, मजदूरी करते हैं, होटल - दुकानों पर काम करते हैं उनके लिये अलग से शिक्षा और समग्र विकास के लिये हर जिला मुख्यालय पर सहशैक्षिक हॉस्टल खोले जाये ।

6. सबको शिक्षा 

" अनपढ़ युवा सरकार की नाकामी का सबूत है "

* नये कौशल विकास ( स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ) विश्वविद्यालय खोलें जाये 
* पंचायत समिति स्तर पर नई कॉलेज खोली जाये
* रिक्त पड़े शिक्षकों / व्याख्याताओं के पद भरे जाये 
* स्कूलों में निःशुल्क कंप्यूटर शिक्षा दी जाये 

7. खेल

" खेल युवाओं को प्रतिस्पर्धी बनाता है "

* नई खेल निति बने ।
* हर संभाग मुख्यालय पर SAI सेंटर खुले ।
* राज्य स्तर पर चयनित युवाओं को छात्रवृति सहित ट्रेनिंग दी जाये ।
* प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर स्टेडियम खोले जाये जिनमें हर खेल की सुविधा हो, इसके निर्माण वास्ते सरकार 2 करोड़ का बजट दे ।
* स्कूल और कॉलेज में अलग से स्पोर्ट्स बजट हो ।
* सभी स्कूल में शारीरिक शिक्षकों के पद भरे जाये ।
* किसी युवा का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चयन होने पर उसका * सारा खर्चा सरकार वहन करे ।
* ग्राम स्तर पर खेल मैदान की उपलब्धता हो ।


8. नशाबंदी 

" नशा, युवाओं का नाश करता है "

* शराबबंदी की जाये ।
* नशे के कारोबार में लिप्त लोगों पर कठोर करवाई हो 



9. युवा निति 


*नई युवा निति बनाई जाये ।

Thursday 5 May 2016

मैं और कम्युनिज्म

आज महान दार्शनिक कार्ल मार्क्स का जन्मदिन है ( फोटो में उनकी लंदन के हाइड पार्क में स्थित कब्र । इस पर ऊपर ये शब्द लिखे हैं – दुनिया के मज़दूरों एक हो ! और नीचे लिखे हैं मार्क्स के प्रिय शब्द – दार्शनिकों ने दुनिया की तरह-तरह से व्याख्या की है, पर असली सवाल तो उसे बदलने का है! )

इस बहाने लगे हाथ अपनी भी बात कर लेते हैं । अपने साथ भी इनका थोडा कनेक्शन है तो उस पर भी बात कर लेते हैं । लोग बोलते हैं कि रहन-सहन, बात-विचार से तुम भी कॉमरेड हो । पर कम्युनिस्ट बोलते हैं तुम अवसरवादी हो या तुम पक्के कॉमरेड नहीं हो या लचीले या समझौतावादी कम्युनिस्ट हो । हो सकता है मैं उतना खाँटी कम्युनिस्ट नहीं हूँ जितने कि आप हैं । और न मैं खुद को कम्युनिस्ट कहता हूँ, मैं खुद को मानवतावादी कहलाना ज्यादा पसन्द करता हूँ बजाय कम्युनिस्ट के । अभी कुछ दिन पहले कन्हैया का न्यूज़ लॉण्ड्री को दिया इंटरव्यू देख रहा था, उसमें उसने 1 बात कही थी कि #Communism_is_highest_form_of_Humanism इस हिसाब से कोई मुझे कॉमरेड बोलता है तो ठीक है बाकि मुझे थोड़ा अजीब लगता है ।
मैं तो एक बात पूछता हूँ आप कम्युनिस्टों से कि क्या कम्युनिस्ट होना मानवतावादी होने से भी बड़ा है ?
जैसे कि कम्युनिस्ट सोच के 3 केंद्रीय बिंदु हैं

1. बाजार पर पूँजीपतियों का नियंत्रण हटाकर सरकारी नियंत्रण, मतलब बाजार का सरकारी मशीनरी द्वारा कंट्रोल
2. कोई काम करे या न करे पर सबको समान संसाधन वितरण यानि कि एक मनुष्य को एक इकाई मानना, ऊँच-नीच रहित समाज
3. सर्वहारा वर्ग ( मजदूरों ) का बुर्जुआ ( कम या ज्यादा अमीरों ) वर्ग पर तानाशाही आदि आदि ।

हाँ ठीक है, सहमत हूँ आपके पहले 2 बिंदुओं से कि पूँजीवाद / बाज़ारवाद ग़रीबो का हक़ मारता है । अमीर लोग गरीबों के हिस्से के संसाधन का बेतरतीब तरीके से उपभोग करते हैं । सहमत हूँ आपकी दोनों बातों से पर मेरा आपसे विरोध तीसरी बात को लेकर है जिसमें आप तानाशाही की बात करते हो । कम्युनिस्टों की सोच है कि ऐसे समाज का निर्माण सिर्फ हिंसा से होते हुये तानाशाही से ही लाया जा सकता है ।
तो क्या आपको तानाशाही में कहीं से भी मानवता की किरण नजर आती है कॉमरेड ? आती है तो मुझे बतायें कि कैसे ? और कहाँ आई ?
कॉमरेड भगत सिंह ने कहा था कि " हिंसा आखिरी रास्ता होना चाहिये, न कि पहला ।"

खाँटी कम्युनिस्ट क्या होते हैं ? और कैसे होते हैं ? मुझे नहीं पता । मैंने तो जिन कम्युनिस्टों को पढ़ा है पर उनमें कुछ खास नजर नहीं आया सिर्फ Ideological बातों के और आस पास जो देखें हैं उनके बारे में तो कुछ न कहूँ तो अच्छा है क्योंकि वो तो मुझ जैसे समझौतावादी से भी गये गुजरे हैं ।
एक बात पर और विरोध है आपसे कि आप धर्मों को इन सब में रोड़ा मानते हो । मैं भी मानता हूँ कि धर्म, मानव समाज को बाँटने और उनके मूल अधिकारों से वंचित रखने का ब्राह्मणवादी ताक़तों का एक तरीका है ।
आप उन धार्मिक आसमानी किताबों का भी विरोध करते हो पर आप ये खुद पर लागु क्यों नहीं करते ।
जैसा कि मार्क्स के विचारों ( #Communist_Manifesto ) को मानने वाले मार्क्सवादी कहलाये, और आज से 200 साल पहले लिखी उनकी किताब की बातों का आप रट्टा लगाये घूमते हो और बाकियों को आप जहर बताते हो । आप भी सोचिये कि 200 साल पहले की परिस्थितियों में लिखा गया दर्शन आज के समय में कितना असरकारक है ? क्या उसमें समय के साथ बदलाव की जरूरत नहीं है ? है तो आप कितने बदले ? और कितना बदलने को तैयार हो ? आपकी ये दलील कि लेनिन, स्टालिन, माओ आदि कम्युनिज्म के निखरे हुये रूप हैं, मैं नहीं मानता । ये सब अपने समय-काल, परिस्थिति आदि के हिसाब से बने बिगड़े हैं । इसलिये इनको कम्युनिज्म में बदलाव की बयार में शामिल करने जैसा कुतर्क न दें ।
हाँ, अंत में एक बात और कॉमरेड, आप बोलते हैं कि फलां विचार बुरा है और वो आपको बुरा बताते हैं । आप विरोधी विचारों को खत्म करने की वकालत करते हैं पर आप ये कैसे भूल जाते हो कि ये आपको जड़ता की तरफ ले जा रहा है और आप हैं कि ख़ुशी - ख़ुशी इसकी गिरफ्त में आये जा रहे है और इसपर गर्व भी करते हैं । कॉमरेड भगतसिंह ने कहा था " पुरानी धारणाओं को तोड़ दीजिये ।"
सवाल है कि आपने कितनी तोड़ी ?

नोट : यहाँ मैं ये नहीं कहता कि मैं ही सर्वज्ञाता हूँ या मेरी सोच ही सबसे सही है या मेरा रास्ता सबसे सटीक है । यदि मैं भी यही मानने लगा तो निश्चित ही मैं भी जड़ हूँ । मेरा यही मानना है कि व्यक्ति को जड़ न होकर प्रगतिशील होना चाहिये, सर्वश्रेष्ठ का भाव नहीं आना चाहिये और समय के साथ जरूरत के अनुसार विचारों में बदलाव आते रहने चाहिये जिससे कहीं भी जड़ता न आये । 

Sunday 1 May 2016

ग़र वक़्त मिले तो

पहले पहल,
जब मैं देखता मजदूर को
सोचता,
क्यों करते हैं काम ?
वो भी करें आराम
हमारी तरह, आपकी तरह
फिर एक दिन ये बात समझ आई
कि
कैसे चलेगा काम
हमारा, आपका
जब बैठ जायेंगे ये हाथ
ये हैं तो हम हैं,
ये हैं तो खाना है, रहना है, सब आराम के सुख साधन हैं,
ग़र यही न होंगे
तो कैसी होगी ये दुनिया
आप भी सोचना कभी
ग़र वक्त मिले तो

फोटो सौजन्य : दैनिक जागरण


डॉ कलाम को श्रद्धांजलि

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam ) का जन्म 15 October 1931 को तमिलनाडु के Rameswaram में हुआ । इन्होंने 1960 ...