Monday 29 December 2014

28 दिसंबर 2013 और आज

28 दिसंबर, आज से ठीक एक साल पहले शनिवार को आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनायी थी जिसमें मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपने 6 कैबिनेट साथियों समेत दिल्ली के राम लीला मैदान में मुख्यसेवक पद की शपथ ली थी । ये राम लीला मैदान AAP के लिए कई कारणों से खास मायने रखता है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है जनलोकपाल आंदोलन ।
जनलोकपाल आंदोलन वही आंदोलन था जिसके गर्भ से ये पार्टी जन्मी या यूँ कहें कि जनलोकपाल के आंदोलनकारियों ने सरकार की बेरुखी से परेशान होकर और बार बार नेताओं के उलाहनें ( कानून सड़क पर नहीं, संसद में बनते हैं । यहाँ चुनकर आओ और बना लो अपना कानून ) सुनकर देश के लोगों को एक राजनैतिक विकल्प दिया जिसको जनता की तरफ से नाम मिला - आम आदमी पार्टी ।
अब फिर लौटते हैं AAP के शपथ दिवस पर यानि कि 28 दिसंबर । उस दिन मौजूद जनसैलाब को देखकर अरविन्द केजरीवाल को अहसास हुआ था कि लोगों ने उनको कितनी उम्मीदों से चुना है ।
फिर हुई एक ओजस्वी शुरुआत, जनता ने आज तक शपथ ग्रहण समारोह को सिर्फ राजनैतिक समारोह के रूप में ही देखा था पर उस दिन पहली बार किसी ने अपने प्रतिद्वंदी ( डॉ. हर्षवर्धन, बीजेपी ) की तारीफ की (वरना आज तक तो विरोधियों को गालियाँ दी थी सत्ता पक्ष ने ) और मंच से ही अपना कार्य शुरू कर दिया । मंच से मुख्यमन्त्री ने घोषणा की " यदि आपसे कोई रिश्वत माँगे तो उसे दे देना पर उसका स्टिंग ऑपरेशन कर लेना और उसकी कैसेट मुझे लाकर दे देना, आपका काम मैं करवाऊंगा और उस भ्रष्टाचारी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई होगी ।"
साथ ही लोगों को बताई आम आदमी की परिभाषा - " देश का प्रत्येक नागरिक, जो अपने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिये एक भ्रष्टाचार मुक्त शासन चाहता हो और उसे उसके दिये हुए टैक्स की सही सेवा मिले ।"

अपने विधायकों, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'अपने विधायकों और मंत्रियों से कहना चाहता हूं कि कभी हमारे मन में घमंड ना आ जाए । कभी घमंड न करना दोस्तों. कभी ऐसा ना हो कि हमें घमंड हो जाए और हमारा घमंड तोड़ने के लिए किसी दूसरी पार्टी को आना पड़े'
कार्यकर्ताओं से भी अपील है कि वो पहले की तरह ही जनता की सेवा में लगे रहें और सबसे विनम्रता से मिलें  । सेवा भाव सबसे ऊपर रखना है. हम मंत्री बनने नहीं आए थे सेवा करने आए थे ।

फिर काम शुरू और वो भी ऐसे कि किसी ने उम्मीद ही नहीं की थी कि उनका CM उनके साथ बिना लाल बत्ती लगाये हर रेड लाइट सिग्नल पर रुकेगा और वैसा ही रहेगा जैसे कि एक आम आदमी । जिससे हर व्यक्ति को लगा कि आज मैं CM हूँ अपने राज्य का । लाल बत्ती न लेना, हर रेड सिग्नल पर रुकना न कोई मुश्किल काम था न ही कोई महान पर हर किसी को मुख्यमंत्री में खुद को महसूस करना, वाकई महान काम था । जो आज तक नहीं हो पाया था ।
विश्व के सबसे बड़े जनतन्त्र में आज पहली बार जनता को सरकारी तन्त्र, जनता का तन्त्र लगा । ये महान काम था । हर किसी को आसानी से मुख्यमन्त्री उपलब्ध होना महान काम नहीं था पर उसकी बात को कोई सुनने वाला मिला ये वाकई महान काम था ।

ये बात तो हुई एक साल पहले की अब बात करते हैं आज की यानि कि 28 दिसंबर 2014 की ।
आम आदमी पार्टी देश की इकलौती पार्टी है जिसने बनने के 1 साल और 1 महीने बाद एक राज्य में सरकार बनाई और लोकसभा चुनावों में बढ़ी हुई ताक़त से 4 सीट के साथ संसद में अपनी उपस्थित्ति दर्ज करा रही है । बेशक हम दिल्ली की सभी लोकसभा सीट पर दूसरे नम्बर पर रहे हो लेकिन बढ़े हुए वोट प्रतिशत के साथ यानि 29% से 34%. हालाँकि आज जितने भी सर्वे आ रहे हैं उनमें हमें पिछड़ा हुआ दिखाया जा रहा है पर सभी जानते हैं कि ये मीडिया हाउसेस किसके ईशारे पर काम कर रहे हैं, ये सिर्फ हम कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ने का जरिया मात्र है । ऐसे सर्वे हम पिछले विधानसभा चुनावों में देख चुके हैं जहाँ हमे 3 से 8 सीटें दी गयी थी पर जब रिजल्ट आया तब हम 28 थे । और रही बात हक़ीक़त की तो कांग्रेस तो पहले ही निबटी हुई है और बीजेपी की हालत का पता उनके सभी 282 सांसदों की सभाओं में उमड़ी भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है, जहाँ इक्के दुक्के लोग आते हैं वहीं आम आदमी पार्टी द्वारा प्रोजेक्टर्स पर दिखाये जाने वाले वीडियो को देखने ही हजारों लोग आते हैं ।

तुलनात्मक रूप से हम आज भी बीजेपी-कांग्रेस से आगे हैं और आगे ही रहेंगे बस हम यूँ ही लगे रहे अपनी धुन में । आखिर हम देश बदलने आएं हैं तो बदल के ही दम लेंगे । हम जीतेंगे साथी, जरूर जीतेंगे गर तू साथ है तो.....

जय हिन्द

डॉ कलाम को श्रद्धांजलि

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