Sunday 25 January 2015

गिरगिट की क्या मजाल, जो नौटंकीबाज़ मोदी को हरा दे !

आजकल मोदी जनता में कितने लोकप्रिय हैं इसकी बानगी आजकल चल पड़ी कुछ कहावतों और मुहावरों से पता चलता है, कुछ नई है और कुछ पुरानी हैं -
1. मोदी जी का वादा, U-Turn लेंगे ज्यादा 

पलटने मने U-Turn लेने में तो इस मोदी सरकार ने शायद पिछली सभी सरकारों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है । उन सभी मुद्दों पर सरकार मुकर गयी जो उन्होंने वोट माँगते समय जनता से किये थे । इनमें कुछ यहाँ दिए जा रहे हैं -
* जो पार्टी धारा 370 के विरोध में बनी थी और वो उसी से पलट जाये तो फिर उस पार्टी और उसके नेताओं में विचारधारा की तो क्या बात करनी । जब जनसंघ प्रमुख श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने धारा 370 के विरोध में अनसन किया था और फिर जेल हुई, जहाँ उनकी मृत्यु हो गयी थी । तत्पश्चात इसी मुद्दे को लेकर ये पार्टी 1950 से चली है आजतक, पर अब आगे नहीं ( बीजेपी 1950 से 1977 तक जनसंघ थी फिर जनता पार्टी में विलय हो गया जनता पार्टी में टूटकर जनसंघ नेताओं ने 1980 में बीजेपी बनाई थी

* मोदी के सत्ता में आने के बाद रेलवे में 100 फीसदी विदेशी निवेश, रक्षा में 49 फीसदी से लेकर कुछ मामलों में 100 फीसदी विदेशी निवेश, बीमा में 49 फीसदी विदेशी निवेश का फैसला हो गया है पर जब विपक्ष में थे तब रक्षा और बीमा में FDI में कांग्रेस ने 49% का प्रस्ताव रखा तो मोदी ने FDI का विरोध किया था जबकि खुद सत्ता में आते ही 49% के साथ मंजूरी देने को तैयार है पर अब कांग्रेस विरोध में है ।
* जब मोदी विपक्ष में थे तो बोलते थे "एक बार सत्ता दे दो, 100 दिन में कालाधन ले आऊँगा, नहीं ला पाया तो फाँसी दे देना और जो भी इसमें नाम होंगे उनको जनता में बताऊँगा" और सरकार बनते ही कहा कि कालाधन लाना नहीं आ पायेगा और जो नाम मिले हैं उनको जनता में नहीं बता सकता ।
* रिटेल में एफडीआई पर मोदी सरकार ने बड़ा यू-टर्न लिया है। पहले इसका विरोध करने वाली बीजेपी ने यू-टर्न लेते हुये  ब्रैंड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई के यूपीए सरकार के निर्णय को बरकरार रखा है। खास बात यह है कि बीजेपी ने मल्टी ब्रैंड रिटेल में विदेशी निवेश का चुनाव पहले जमकर विरोध किया था और अब इसे ही बरकरार रहने दिया है।

2. बदलापुर बॉय मोदी

जब विपक्ष में थे तो कहते थे देश को कांग्रेस मुक्त बनाना है और जब सत्ता में पूर्ण बहुमत ( 282 सीट) से आये तो इनमे 116 तो पूर्व कांग्रेसी थे यानि कांग्रेस मुक्त भारत तो गया तेल लेने । रही बात स्वच्छ मंत्रिमण्डल की तो एक तिहाई यानि 33% मंत्री दागी हैं और पिछली सरकार जितना बड़ा ही मंत्रिमंडल मतलब 67 मंत्रियों वाला मंत्रिमण्डल । कुल 67 में से 22 मंत्रीयों के खिलाफ केस चल रहे हैं जो कि पिछली UPA सरकार से भी ज्यादा हैं । बोला था दागियों को मंत्रीमंडल में जगह नही दूँगा और मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के सिद्धांत पर काम करूँगा पर कर रहे हैं इसका उल्टा मतलब मिनिमम गवर्नेंस, मैक्सिमम गवर्नमेंट
कुल मिलाकर रंग बदलने में गिरगिट की क्या औकात जो मोदी को हराये ।
3. ( खून चूसने में ) कहाँ मोदी, कहाँ जोंक (कहाँ गंगू तैली, कहाँ रजा भोज )
जब मोदी विपक्ष में था तब 5% रेल किराया बढ़ाया गया था तो बड़ा हो हल्ला किया था और जब खुद की सरकार आयी तो आते ही सीधा 14.5% रेल किराया बढ़ा दिया और अब दूसरी बार और बढ़ाने की फ़िराक़ में हैं । पेट्रोल 1 रुपया या कुछ पैसे सस्ते होने पर अपने भाग्य से जोड़ना और 4-5 रुपये महंगे होने पर OPEC को जिम्मेदार बताना, और गरीब का भोजन दाल तो इतनी महँगी हो गयी हैं जितनी UPA में भी नहीं थी ।

नरेंद्र मोदी सरकार ने 1 जून 2016 से सेवा कर 14 फीसदी करने का निर्णय लिया है.  आगामी 1 जून से नयी सेवा कर लागू हो जाने के बाद आम लोगों के लिए रेस्तरां और मोबाइल फोन सहित ब्यूटी पार्लर और हवाई यात्रा भी महंगी होगी.
4. मोदी बाँटे रेवड़ी तो अपनों को ही देवें
जब अडानी को 5 बड़ी प्राइवेट बैंकों ने लोन देने से मना कर दिया था तो मोदी के कहने पर सरकारी बैंक स्टेट बैंक ने 6200 करोड़ का कर्ज बिना समय गंवाए मंजूर हो गया वो भी जनता का पैसा । भारत के किसी बैंक की तरफ से ये अब तक सबसे बड़ा कर्ज है जो किसी भारतीय कंपनी को दिया जा रहा है ! गौरतलब है, अडानी पर पहले से ही 72,000 करोड़ रुपए की उधारी है। अडानी पीएम मोदी के साथ जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने बिजनेस डेलीगेट्स के समूह में आस्ट्रेलिया दौर पर भी गये थे ।
5. खाऊँगा और खाने दूँगा

राजनीति में सालभर पहले तक नैतिकता और शुचिता के नाम पर कांग्रेस को कोसने के बाद अब उसी का सरेआम जनाजा निकाल रहे हैं, सिर्फ 1 साल में ही सत्ता के मद में ऐसे चूर हुये कि एक के बाद एक-एक करके 4 प्रमुख नेत्रियों पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगे हुये हैं पर उनको हटाने के बजाय उनका बचाव और किया जा रहा है । साथ ही ये ऐलान भी कि " ये बीजेपी की सरकार हैं, इसमें भ्रष्टाचार जैसे छोटे मोटे मुद्दों पर इस्तीफे नहीं होंगे ।"

6. तुम मुझे वोट दो, मैं तुम्हें भाषण दूँगा

*सरकारी नौकरी : केंद्र के सरकारी विभागों में एक साल तक कोई नई नियुक्ति नहीं होगी। अगर कोई पद एक साल से खाली पड़ा है, तो उसे भी नहीं भरा जाएगा। वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को इस आशय का निर्देश भेजा है। निर्देश तत्काल प्रभावी हो गया है ।
* योजना मॉडल : देश में जब भी किसी योजना को लागू करना हो गाने लग जाता है गुजरात मॉडल-गुजरात मॉडल । भैया गुजरात मॉडल गुजरात में ही ठीक है, पुरे देश में नहीं चलेगा ।
* GST ( वस्तु एवम् सेवा कर ) : देशभर में एक कॉमन मार्केट तैयार करने के लिए लाया जा रहे जीएसटी बिल का 10 साल तक विरोध करने के बाद अब इनको इससे देश की GDP 2% तक दिख रही है । तो क्या इन 10 सालों तक देश में 2% GDP में नुकसान की जिम्मेदार बीजेपी नहीं है । 


7. मोदी और पूँजीपतियों का यार ( करेला और नीम चढ़ा )
इसको 2 उदाहरणों से समझते हैं -
* Bjp शाषित राजस्थान, MP और महाराष्ट्र की सरकारों ने लेबर रिफार्म के नाम पर "सेंट्रल इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट्स एक्ट - 1947" में बदलाव कर रही है जिसके तहत किसी भी फैक्ट्री मालिक को बिना सरकारी अनुमति लिए मजदूरों को निकालने तथा उस फैक्ट्री को बन्द करने का अधिकार होगा । पहले यह सीमा 100 मजदूरों वाली फैक्ट्री पर थी पर अब यह बढ़ाकर 300 मजदूरों तक कर दी है । यानि 300 मजदूरों वाली फैक्ट्री का मालिक कभी भी उन मजदूरों को निकाल सकता है या उस फैक्ट्री पर ही ताला लगा सकता है । इससे मजदूरों के सारे हक़ छीन लिये जायेंगे अर्थात् न तो वे अपनी वाजिब मांगों को लेकर हड़ताल कर सकते हैं न ही कोई अन्य तरह का विरोध । अकेले महाराष्ट्र में 41000 में से 39000 लगभग 95% फैक्ट्रीयां इसकी जद में आ जायेंगी ।
* सरकार बनते ही जिस हिन्दू धर्म की रक्षा के नाम पर जीत कर आये थे और जिस गाय की सौगंध खाते थे, जिसको राष्ट्रिय पशु घोषित करने की माँग करते थे वो सत्ता में आते ही ऐसे अंधे हुये जैसे इनका इन सब से कोई वास्ता ही नहीं था । सत्ता में आते ही अपने पहले ही बजट में वित्तमंत्री जेटली जी ने गौ - माँस का निर्यात बढ़ाने के लिये टैक्स 10% से 6% कर दिया साथ ही देश भर में और अधिक स्लॉटर हाउस ( गाय काटने के कारखाने ) की इजाजत दे दी ।
यानि कि देश और धर्म के नाम पर वोट लिया पर काम दोनों के खिलाफ किया ।
8. आधा मोदी आधा गाँधी ( आधा तीतर, आधा बटेर यानि बेमेल काम करना )
काम तो दंगे करवाना, धर्म बदलवाना, गोडसे की मूर्ति को मौन स्वीकृति देना, उद्योगपतियों की दलाली करना और नाम गाँधी का लेना, समाजवाद का ( सिर्फ ) बखान करना । जिस सरदार पटेल ने गाँधी जी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबन्ध लगा दिया था उसी की गुजरात में मूर्ति बनवा कर खुद की पार्टी को एक चोरी का सरदार दिलाना ।
"बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान" भी इसका सबसे अच्छा उदाहरण है । जो आदमी खुद अपनी बीवी को ब्याहने के बाद छोड़कर भाग गया और जिस पर एक लड़की की जासूसी करवाने का आरोप हो वो जब ऐसी बात करें तो उसकी गंभीरता को समझा जा सकता है । जो पार्टी लड़कियों के बारे में ये सोचती है कि वो दूसरे राज्यों से खरीद कर अपने कार्यकर्ताओं की शादी करवायेगी, उस पूरी पार्टी और उससे जुड़े संगठनो की सोच कितनी गन्दी है इसका अंदाज आप लगा सकते हैं ।
9. जिसकी सरकार उसकी जमीन ( जिसकी लाठी उसकी भैंस )
जब पिछली कांग्रेस सरकार पर इतने जनांदोलनों से दबाव बनाकर 1894 में बने भूमि अधिग्रहण कानून को बदलवाया था लेकिन मोदी ने आते ही लोगों की सामूहिक सहमति को सबसे पहले खत्म किया वो भी अध्यादेश द्वारा । अब तो सरकार जब चाहे आपको आपकी जमीन से रुखसत कर सकती है और आप विरोध भी नहीं कर सकते हो । पूरी रिपोर्ट के लिए क्लिक करें
10. उद्योगपति बड़े या जनता
पेट्रो उत्पादों की कीमत को बाजार के अधीन करने के बाद भी सरकार खुद श्रेय लेती है तो मतलब ये कि वो जनता को बेवकूफ बना रही है और मोदी जी इसमें सफल भी हुए हैं । सरकार बनने के बाद पेट्रोल कुछ रूपये सस्ता हुआ है पर उतना नहीं जितना अंतराष्ट्रिय बाजार में हुआ है, उसका बमुश्किल 20% ।
जब सत्ता में आने के बाद कच्चे तेल की कीमत अंतराष्ट्रिय मार्केट में 115 डॉलर/बैरल से गिरकर आज 48 डॉलर/ बैरल आ गई है यानि कि 67 डॉलर/बैरल टूट चुकी परन्तु भारतीय मार्केट में सिर्फ 20% की कमी आई है । जिन पेट्रो कंपनियों ने घाटा दिखाकर दाम कम नहीं किये हैं उनपर सरकार दबाव बनाकर दाम कम करवाये । सरकार का फर्ज है कि वो जनता के समर्थन में फैसले ले न कि कुछ गिने चुने उद्योगपतियों के ।


ये वो सरकार है जो आपसे 100 करोड़ रुपये की गैस सब्सिडी ख़त्म करवाने के लिए 250 करोड़ के विज्ञापन दे चुकी है। स्वच्छता अभियान का विज्ञापन बजट भी 250 करोड़ था लेकिन दिल्ली के सफाईकर्मियों की सालाना तनख़्वाह के लिए ज़रूरी 35 करोड़ इनके पास नहीं हैं। किसान टीवी पर सालाना सौ करोड़ का ख़र्च दे सकते हैं क्योंकि इस चैनल के सलाहकार समेत आधे कर्मचारी संघ के किसी न किसी अनुशांगिक संगठन से हैं, लेकिन किसानों की खाद सब्सिडी छीन ली।
इनके पास योगा डे के लिए 500 करोड़ हैं, रामदेव के पतंजलि को हरियाणा के स्कूलों में योग सिखाने के लिए सालाना 700 करोड़ हैं, मगर प्राथमिक शिक्षा के बजट में 20% कटौती की क्योंकि स्कूलों के लिए पैसे नहीं हैं।
इस सरकार के पास कार्पोरेट को 64 हज़ार हैं टैक्स छूट देने के लिए, लेकिन आत्महत्या कर रहे किसानों का क़र्ज़ चुकाने को 15000 तरोड़ नहीं हैं।
स्किल इॉडिया के लिए 200 करोड़ का विज्ञापन बजट है, मगर युवाओं की छात्रवृत्ति में 500 करोड़ की कटौती करती है।
सरकार घाटे में है। ओएनजीसी, स्टेट बैंक बेचने की तैयारी है। रेलवे की ज़मीनें बेचने का टेंडर कर दिया है। मगर अडानी के लिए 22000 करोड़ देने को हैं। ये राष्ट्रवादियों की सरकार है जो लालाओं के हाथ राष्ट्र बेचने निकली है।

11. बिन मुद्दों के फेंकता जाये
आज मोदी को PM बने 8 महीने हो गये हैं पर आजतक एक भी उपलब्धि अपने खाते में नहीं जुड़ा पाये सिवाय विदेश भ्रमण और वहाँ भाषण देने के । और तो और, मोदी तो इसमें भी चूक गये ।

जब ऑस्ट्रेलिया में PM की उपस्थिति में भारत का विवादित नक्शा दिखाया गया और वो कुछ नहीं बोले । हालाँकि मीडिया में हल्ले के बाद, बात सँभालने के लिए कुछ घण्टों बाद ऑस्ट्रेलिया ने माफ़ी माँगी पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी । हालाँकि एक उपलब्धि के रूप में "स्वच्छ भारत अभियान" जरूर जुड़ा पर उसको भी बीजेपी के नेताओं ने सिर्फ फोटो शूट अभियान बना कर छोड़ दिया ।
देश को सशक्त शासन देने की बात करने वाले मोदी जी से अपने लोग भी नहीं काबू में आ रहे हैं । जब से सत्ता में आये हैं, देश में अराजकता का माहौल हो गया है, हिन्दूवादी संगठन (RSS, बजरंग दल, VHP, धर्म जागरण मंच इत्यादि ) मुस्लिमों का धर्मपरिवर्तन करवा रहे हैं और कारण बता रहे हैं कि इस देश में रहने वाला हरेक नागरिक पहले हिन्दू था जो दूसरे धर्म में चला गया था, अब वापस हिन्दू बनाकर उनकी घरवापसी करवा रहे हैं । साथ ही हिंदुओं को 4,5 या 10 बच्चे पैदा करने की सलाह दी जा रही हैं इन हिंदूवादी संगठनों द्वारा । हिंदुओं को मुस्लिमों से, मुस्लिमों को ईसाईयों से, ईसाईयों को बौद्धों से खतरा बताकर डराया जा रहा है ।
जबकि दूसरी और AIMIM के नेता अकबरुद्दीन ओवेसी कहते हैं हर बच्चा जन्म के समय मुसलमान होता है । मोदी की मौन स्वीकृति से पुरे देश में धर्म के नाम पर द्वेष फ़ैलाने की कोशिश की जा रही है, जिससे आने वाले दिनों में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहाँ वोटों का आसानी से ध्रुवीकरण किया जा सके और बहुसंख्यक हिंदू वोटों को अपनी तरफ मोड़ा जा सके ।
सेतुसमुद्रम परियोजना का विरोध करने वाली बीजेपी अब उसी परियोजना को आगे बढ़ाने मे लगी है । जैसा कि नितिन गडकरी जी ने बताया " हमारा एजेंडा विकास का है ।" ये तो अच्छी बात है पर इतने साल छाती कुटा किया उसका क्या गडकरी जी ?
12. मुँह पे सेवा, बगल में धोखा
जब चुनाव प्रचार कर रहे थे तब भाषणों में कहते थे "56 इंच की छाती ठोक कर कहता हूँ हमारे देश के एक जवान के सिर के बदले 10 सिर काटकर लाऊंगा और भारत माँ के चरणों में अर्पित कर दूँगा ।" पर आज सत्ता में आये 8 महीने हो गये पर 10 सिर नहीं ला पाये उल्टे हमारे 110 सैनिक और शहीद हो गए । और आतंकवाद में कोई कमी नहीं आयी है उल्टा बढ़ और गया है । रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम में देश को नशामुक्त बनाने की बात करते हैं पर इन्हीं के शाषित पंजाब में मन्त्रीमण्डल का महत्वपुर्ण मंत्री मजीठिया 6000 करोड़ का नशे का कारोबार पकड़ा जाता है । और तो और इस केस की जाँच कर रहे ED के अधिकारी का तबादला कर केस को कमजोर करने की कोशिश भी की लेकिन कामयाब नहीं हो पाये ।
13. घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध
26 जनवरी 2015 को देश के गणतंत्र दिवस पर अमेरिकन राष्ट्रपति बराक ओबामा आ रहे हैं राष्ट्र अतिथि बनने के लिये ।और इनके स्वागत की ऐसी तैयारियाँ हो रही है जैसे ओबामा, ओबामा न हुए ब्रह्मा जी हो गए हैं । दिल्ली में नो-फ्लाई जोन उपलब्ध करवाया गया है और जब वो ताजमहल देखने जायेंगे तो उस दिन का सड़क मार्ग भी आम लोगों के लिए बन्द कर दिया जायेगा । राजपथ पर होने वाली परेड के आपके पास पास हैं लेकिन किसी पुलिसवाले ने आपको शक के आधार पर रोक लिया तो आपको कड़ी पूछताछ से गुजरना भी पड़ेगा ।
14. ऊँची दुकान फीका पकवान
जब से प्रचार शुरू किया तबसे बोल रहे थे महँगाई कम कर दूँगा, 5 साल देके तो देखो और जब जनता ने 5 साल दे दिये तो महँगाई कम तो कर नहीं पाया उल्टा गरीबों को मिलने वाली सस्ती दवाओं का मूल्य नियंत्रण हटाकर बाजार के हवाले कर दिया जिससे कैंसर की 8000 में मिलने वाली दवाई 1,00,000 की हो गयी ।
15. थोथा चना बाजे घना
जब विपक्ष में थे तो बोलते तो ऐसे थे कि 60 महीने का मौका दो, प्रधानमन्त्री बनकर नहीं प्रधानसेवक बनकर काम करूँगा । बोलते थे सोनिया अपने पीहर वाले दोनों नोसैनिकों को बचाना चाहती है लेकिन मैं अपने देशवाशियों के हत्यारों को सरेआम लटका दूँगा । ये भी नहीं हुआ तो कोई बात नहीं फिर कहते फिरते थे कि वाड्रा को जेल में डाल दूँगा यदि मैं सत्ता में आया तो । 8 महीने हो गये पर कोई कारवाई नहीं हुई और न ही इसपर कभी बोले आजतक । ये भी न हुआ, चलो कोई नही ईमानदार शासन दूँगा पर हुआ असल में इसके उलट । दिल्ली में स्थित देश के सबसे बड़े अस्पताल के एक ईमानदार अधिकारी को इसलिये हटा दिया क्योंकि बीजेपी के उपाध्यक्ष जे पी  नड्डा के करीबी को उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड कर दिया था । और फिर जेपी नड्डा के दबाव में केंद्रीय स्वास्थ्य। मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने उनका ट्रांसफर कर दिया ।
Title by Mohan Shrotriya, my FB friend

3 comments:

  1. बहुत जोरदार लिखा है यार

    ReplyDelete
  2. बहुत जोरदार लिखा है यार

    ReplyDelete
  3. बस मोदीजी की महिमा का गुणगान किया है, हमने तो ... बाकि क्या कहें

    ReplyDelete

डॉ कलाम को श्रद्धांजलि

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam ) का जन्म 15 October 1931 को तमिलनाडु के Rameswaram में हुआ । इन्होंने 1960 ...