Saturday 28 September 2013

शहीद-ए-आज़म भगतसिंह और भारतीय अवाम

" शहीद-ए-आजम कॉमरेड भगतसिंह जी " के 106 वें जन्म दिवस पर आप सभी को बधाई और खासकर युवाओं को, क्यूकि भगत सिंह जी युवाओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं और उनके  आदर्श भी और बेशक मेरे भी आदर्श हैं ।
आज प्रत्येक भारतीय चाहता है कि एक बार फिर से भगत सिंह आये,,,और
अन्याय, शोषण और भ्रष्ट व्यवस्था  के खिलाफ जादू की छड़ी घुमाये और इनसे छुटकारा दिला दे ।
हम सोचते हैं कि आज इस देश की हालत इतनी बिगड़ चुकी है कि भगत सिंह जेसा चमत्कारिक योद्धा ही अब इस देश की सड़ी व्यवस्था को बदल सकता है, पर क्या हम तैयार हैं इस बदलाव के लिये ?
आइये कुछ सवालों पर नज़र डालते हैं ---
- क्या हम आज सच में बदलना चाहते हैं ?
- क्या हममें से कोई भगत सिंह बनने को तैयार है ?
- क्या हम चाहते हैं कि भगत सिंह हमारे घर में पैदा हो ?
उपरोक्त सभी सवालों का एकमात्र जवाब है " नहीं "

तो फिर केसे बदलेगा हमारा भारत ?

इसका हम सबको एक ही उपाय नज़र आता है कि भगत सिंह फिर जन्मे, लेकिन अपने नही पड़ोस के घर में ।
भगत सिंह बार-बार नही आने वाले हैं यहाँ, हमें ही भगत सिंह बनना होगा । जब तक ये पड़ोसी के घर भगत सिंह के जन्म वाली सोच नही बदलेंगे तब तक कुछ नही बदलने वाला है; न भ्रष्टाचार, न गरीबों का शोषण और न ही ये सड़ी व्यवस्था, कुछ नहीं बदलने वाला है ।

सोचिये ये व्यवस्था इतनी क्यू सड़ चुकी हैं ?

क्यूकि हमने इसे बिगाड़ा है,अपने कुछ स्वार्थों को पूरा करने के लिए और इसे बिगाड़ने के लिये कोई दुसरे नही आये हैं । इसलिये जब इसे बिगाड़ा भी हमने है तो जाहिर सी बात है सुधारना भी हमें ही होगा । भगतसिंह क्यू सुधारे ?
माना कि आज के समय में किसी के पास इतना समय तो है नहीं इसलिये हमे खुद को ही बदलने से शुरुआत करनी पड़ेगी, सबको 'पार्ट टाइम' भगत सिंह बनके अपने घर को साफ करना होगा और फिर थोड़ा और समय निकालके आस-पड़ोस के लोगों को भी जागृत करना होगा । इस तरह हम भगत सिंह भी बन जायेंगे और और ये व्यवस्था भी सुधर जाएगी और साथ ही साथ भगतसिंह जी को सच्ची श्रधांजली भी मिल जाएगी ।

हमेशा याद रखें कि 'हर एक सुधार एक छोटे स्तर से शुरु होता है और फिर ये बड़ा आन्दोलन बनता है ।' इसलिए भगत सिंह जी को दिल में जिन्दा रखें और उनके कहे अनुसार शोषण और अन्याय के खिलाफ आवाज उठायें ।
वन्दे मातरम् ।
जय हिन्द ।

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