Saturday 24 October 2015

गेलसप्पां री टोळी

एक बार #केसर_ताई का छोरा जिद करण लाग्या कि
मन्ने गलसप्पो आदमी देखणो है, नीं मं रोटी कोनी खाऊँ ।

ताई - तेरे बाप न देखले, बिसुं बड्डो गेलसप्पो कोई कोनी

छोरा - बां न तो रोजीना देखूं, कोई और देखणो है

ताई - तो तेरे राजू काके न देखले

छोरा - आ तो वाही बात हूगी, अ तो छोटा - मोटा हीं, कोई ढंग को देखणो है

ताई - तो राहुल गाँधी न देखले

छोरा - ना, मन्ने घणे सारे बेवकूफ देखणे है

अब ताई सोची इते सारे गधे एकसाथ कहाँ से दिखाऊ छोरे न ?
तो ताई ने दिमाग भिड़ाया अर् बोली " चाल र छोरा, दिखाऊ तन्ने #गेलसप्पां_री_टोळी
" अर् छोरा हो लिया ताई क साथ, एक खुलो मैदान मं लेगी ।

उड़े लोगां न देख अर् छोरा बोल्या - माँ, अ हाथ में लाठी क्यों ले राखी है ? डांगर चराने वाले हैं के ?

ताई - ना बेटा, अ तो खुद डांगर हीं, अ के चरावंगा डंगरां न

छोरा - तो अ स एक ड्रेस मायं कियां ?

ताई - सब एक सा हीं न, आ अण सबकी स्कूल ह

छोरा - पर आ सबकी निकर तो म्हारी स्कूल की तरहां ह पण ऊपर चोळीयो धौळो क्यों ?

ताई - क्योंकि अ बेवकूफ हीं न

( अब तो आप भी समझ गये होंगे कि यहाँ किसकी बात चल रही है, कहने की क्या जरूरत है )

गलसप्पो - बेवकूफ
छोरा - लड़का
कोनी - नहीं
टोळी - समूह ( Group )
डांगर - जानवर
धौळो - सफेद
चोळीयो - शर्ट

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