शुक्र है कि सिर्फ इंसान ही "कट्टरवादी" सोच रखता है, वो "ऊपर वाला "नहीं
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एक "कट्टरवादी हिन्दू" और एक " कट्टरवादी मुसलमान" कभी इस दुनिया का भला नहीं कर सकते और यही बात "अल्लाह" और "भगवान्" दोनों जानते थे तभी उन्होने सूरज, चाँद, हवा, पानी को इन सब बातों से मुक्त रखा :)
ज़रा सोचो क्या होता अगर सूरज "कट्टरवादी हिन्दू" होता और हवा एक "कट्टरवादी मुसलमान" ???
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