राजनीति के दंगल में उतर चुके अरविंद केजरीवाल की राजनैतिक पार्टी का नाम 'आम आदमी पार्टी' होगा। हालांकि पार्टी को औपचारिक तौर पर 26 नवंबर सोमवार को जंतर-मंतर से ही लॉन्च किया जाएगा। इस दौरान संगठन के संविधान को भी मंजूरी दी गई।
सूत्रों ने कहा कि करीब 300 संस्थापक सदस्यों की बैठक कंस्टीट्यूशन क्लब में हुई। इस दौरान केजरीवाल ने पार्टी के नाम का प्रस्ताव दिया, जिसे अन्य सदस्यों ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि बैठक में पार्टी के संविधान को भी स्वीकार किया गया। मयंक गांधी ने इसका प्रस्ताव दिया, जिसका चंद्रमोहन ने समर्थन किया। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के केजरीवाल की इच्छा के मुताबिक राजनीतिक रूप लेने के सवाल पर अन्ना हजारे के साथ मतभेद के बाद पार्टी का गठन हुआ है।
अगस्त में अनशन के दौरान हजारे और केजरीवाल ने यह कहते हुए आंदोलन समाप्त कर दिया कि देश को कांग्रेस और बीजेपी का राजनीतिक विकल्प मुहैया कराने के लिए वे काम करेंगे। बहरहाल हजारे और केजरीवाल ने पार्टी बनाने को लेकर हुए मतभेद के बाद 19 सितम्बर को अपने रास्ते अलग कर लिए। हजारे अपने रुख पर कायम रहे कि आंदोलन को गैर-राजनीतिक रहना चाहिए।
केजरीवाल ने 2 अक्टूबर को पार्टी के गठन की घोषणा की थी और कहा था कि आधिकारिक रूप से इसे 26 नवम्बर को शुरू किया जाएगा। इसी दिन 1949 को संविधान को अंगीकार किया गया था। बैठक से पहले केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी, महिलाएं, बच्चे उनकी पार्टी का गठन कर रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा, वे नेता नहीं हैं। वे नेताओं से उब चुके हैं। ये वे लोग हैं, जो भ्रष्टाचार और महंगाई से उब चुके हैं। इसलिए आम आदमी ने उन्हें चुनौती देने का फैसला किया है। अब आम आदमी संसद में बैठेगा। उन्होंने कहा, पार्टी की दृष्टि स्वराज है। लोगों को 'राज' मिलना चाहिए। उस दृष्टि को अंतिम रूप दिया जाएगा। 25-30 मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। उन सभी मुद्दों को पार्टी द्वारा पहले उठाए जाने की आवश्यकता है। समितियां गठित की जाएंगी। वे चार से पांच महीने में मसौदा तैयार करेंगी। देशभर में चर्चा की जाएगी। सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी में एक परिवार के वर्चस्व के खिलाफ प्रावधान होंगे।
Official website of AAM AADMI PARTY
http://www.aamaadmiparty.org/
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