अगर कोई आप से कहे कि आप जो ये मोबाइल / कंप्यूटर यूज़ कर रहे हो, उस पर फिल्म देखने का एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा ।
अगर आप अपने बच्चे के लिए खिलौना खरीदने जायें और दुकानदार कहे कि सुबह और शाम के इतर रात को अगर इस खिलौने से खेलना है तो आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा ।
अगर आप ने एक बैट ( या बॉल ) खरीदा और आपसे दुकानदार कहे कि इससे चौका या छक्का लगाने ( या खाने ) पर एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा ।
अगर आप डेरी से दूध ख़रीदने जायें और डेरी वाला आपसे कहे कि इसका दही जमाने पर आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा
अगर आप सब्जीवाले से सब्जी ( कैरी, नींबू, लहसुन, मिर्च etc. ) खरीद रहे हो लेकिन वो कहे कि आपको इसका आचार डालने पर एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा ।
जब आपने किसी वस्तु / सेवा के पैसे चूका दिए हैं तो फिर आप तय करेंगे कि उसका उपयोग कैसे करना है, न कि विक्रेता / सर्विस प्रोवाइडर । क्या आप इन सब सुविधाओं पर खुशी - खुशी एक्स्ट्रा चार्ज देने को तैयार हैं ?
नहीं ना । तो फिर इंटरनेट सेवाओं पर ये सब क्यों लागू हो ?
नहीं ना । तो फिर इंटरनेट सेवाओं पर ये सब क्यों लागू हो ?
नेट न्यूट्रलिटी क्या बला है
नेट न्यूट्रलिटी का मतलब है कि इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों और सरकार को इंटरनेट पर मौजूद सभी प्रकार के डेटा को एक जैसा ही समझकर उनके प्रकार, यूज़र, साइट, प्लेटफॉर्म या ऐप के अनुसार उनमें भेदभाव न करते हुए एक ही तरीके से एक जैसी कीमतें वसूल करनी चाहिए।
नेट न्यूट्रलिटी की जरूरत क्यों ?
भारतीय टेलीकॉम कंपनियों ने ट्राई से कहा है कि उन्हें विभिन्न ऐप और वेबसाईटों को ब्लॉक करने व उनसे शुल्क वसूलने की अनुमति मिलनी चाहिए। साथ ही उपभोक्ताओं से भी हर ऐप और वेबसाईट के लिए टेलीकॉम कंपनियों को अपनी सुविधानुसार शुल्क वसूलने की अनुमति मिले।
टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने नेट न्यूट्रलिटी के मुद्दे को लेकर कंसलटेशन पेपर जारी किया है, जिसपर 24 अप्रैल तक लोग अपनी राय दे सकते हैं। केंद्रीय संचार मंत्री ने कहा है कि इस मामले पर उन्होंने जो कमिटी बनाई है, वो नेट न्यूट्रलिटी और नेट सिक्योरिटी पर अपनी रिपोर्ट देगी। कमिटी को मई के दूसरे हफ्ते तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइड कंपनी एयरटेल ने सबसे पहले एयरटेल जीरो द्वारा VOIP के लिए अलग से चार्ज लगाने की घोषणा की है, जो कि ग्राहकों के मौजूदा डाटा पैक का हिस्सा नहीं होगा। यानी डाटा पैक से आप केवल इंटरनेट सर्फ कर हैं लेकिन व्हाट्सएप, लाइन, वाइबर, स्काइप जैसे मैसेंजर या फ्लिपकार्ट, अमेज़न जैसी विशेष वेबसाइटों के लिए आपको अलग से शुल्क देना होगा ।
नेट न्यूट्रलिटी का समर्थन करें
नेट न्यूट्रलिटी के समर्थन में #SavetheInternet नाम से अभियान चल रहा है, जिसका आप इस साईट www.savetheinternet.in पर जाकर समर्थन कर सकते हैं और साथ ही इसके लिए वोटिंग भी कर सकते हैं ( वोटिंग करने का प्रोसेस जानने के लिये क्लिक करें ) इसके अलावा आप ऑनलाइन पेटिशन भी साइन कर सकते हैं । अभी तक 2,00,000 लोगों ने इस पेटिशन को साइन किया है, आप लोग भी समर्थन करें और स्वतंत्रता और समानता के अधिकार को जिंदा रखने में सहयोग करें ।
इस मुहीम को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाये
इस मुहीम को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाये
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