सऊदी अरब के बारे में 2 बातें बताता हूँ आपको जो आपको सयुंक्त राष्ट्र संघ ( UNO ) के चाल चरित्र के बारे में बताती है :-
पहली - 2017 में UN वुमन राइट कमीशन का सदस्य बना
दूसरी - 2015 में सयुंक्त राष्ट्र मानवाधिकार पैनल का अध्यक्ष बना
अब उनके यहाँ की हक़ीक़त देखिये
पहली - खुद सऊदी अरब में पूरा शरीर ढकने, कार चलाने, पुरुष से अनुमति के बाद ट्रेवलिंग, पब्लिकली तैरने और एक्सरसाइज करने आदि की पाबंदियों के बीच अब देखेगा कि दुनिया की किसी महिला के साथ ज्यादती तो नहीं हो रही
दूसरी - जहाँ आज भी कैदियों को सरेआम फाँसी, शारीरिक उत्पीड़न, दूसरे देशों से आये कामगारों के साथ गुलामों की तरह व्यवहार और महिलाओं पर बेहिसाब पाबन्दियों के बाद भी ये ध्यान रखेगा कि किसी के मानवाधिकार का हनन तो नही हो रहा !
अब आप ये सोच रहे होंगे कि आखिर ये सब हो कैसे गया ? वो भी UN में ! आखिर इसे वोट किसने किया ? वोट करने वाले है यूरोपियन यूनियन और अमेरिका के शागिर्द । जिनका सऊदी बहुत बड़ा बाजार है ।
अब भी आपको लगता है कि UN सबकुछ सही कर देगा तो आप गलतफहमी में हो, UN वही करता है जो अमेरिका चाहता है । हाँ आजकल चीन भी इसमें टांग अड़ाने लगा है पर दोनों देश अपने फायदे के लिये UN को इस्तेमाल करते है, दुनिया की भलाई के लिये नहीं ।
पहली - 2017 में UN वुमन राइट कमीशन का सदस्य बना
दूसरी - 2015 में सयुंक्त राष्ट्र मानवाधिकार पैनल का अध्यक्ष बना
अब उनके यहाँ की हक़ीक़त देखिये
पहली - खुद सऊदी अरब में पूरा शरीर ढकने, कार चलाने, पुरुष से अनुमति के बाद ट्रेवलिंग, पब्लिकली तैरने और एक्सरसाइज करने आदि की पाबंदियों के बीच अब देखेगा कि दुनिया की किसी महिला के साथ ज्यादती तो नहीं हो रही
दूसरी - जहाँ आज भी कैदियों को सरेआम फाँसी, शारीरिक उत्पीड़न, दूसरे देशों से आये कामगारों के साथ गुलामों की तरह व्यवहार और महिलाओं पर बेहिसाब पाबन्दियों के बाद भी ये ध्यान रखेगा कि किसी के मानवाधिकार का हनन तो नही हो रहा !
अब आप ये सोच रहे होंगे कि आखिर ये सब हो कैसे गया ? वो भी UN में ! आखिर इसे वोट किसने किया ? वोट करने वाले है यूरोपियन यूनियन और अमेरिका के शागिर्द । जिनका सऊदी बहुत बड़ा बाजार है ।
अब भी आपको लगता है कि UN सबकुछ सही कर देगा तो आप गलतफहमी में हो, UN वही करता है जो अमेरिका चाहता है । हाँ आजकल चीन भी इसमें टांग अड़ाने लगा है पर दोनों देश अपने फायदे के लिये UN को इस्तेमाल करते है, दुनिया की भलाई के लिये नहीं ।
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