आप से निवेदन है की 1 दिन बाद 26 जनवरी है | सेना की परेड में लड़ाकू विमान,टैंक़, मिसाईल देखकर ये मत भूल जाना कि इस देश मे आजादी के 66 साल बाद आज भी इस देश में 84 करोड़ 30 लाख लोगो के पास एक दिन में
खर्च करने को 20 रुपये नहीं है ,
मत भूल जाना world hunger report जो कहती है कि भारत मे हर 1 मिनट में 13 लोग भूख से मर जाते है और शाम होते तक लगभग 10000 हजार लोग भूख से ही मर जाते है ,
मत भूल जाना इस देश में 15 करोड़ लोगो के पास आज भी तन ढकने को 2 मीटर कपड़ा नहीं है ,
मत भूल जाना आजाद होने के 66 साल बाद। भी देश की सरकार आम आदमी की जरुर की चीजे उसे नहीं मुहिया करवा पाई ,
मत भूल जाना की कैसे आज भी इस देश का अन्नदाता (किसान ) आत्महत्या करता है,
मत भूल जाना की आज भी देश के राज नेता उन शहीदों को उनका हक़ भी नहीं दिला सके जिन शहीदों ने इस देश की अखंडता बनाये रखा 65, 71, 99 के लड़ाई में अपनी जान हँसते-हँसते दे दी,
मत भूल जाना की आज भी देश उस मजहब की चिंगारी की आग पर बैठा है कि न जाने कब इस देश के फिर से दो टुकड़े न कर दे,
मत भूल जाना की कैसे बलात्कार पीडिता को इस देश का कानून जीतेजी तो छोडिये मरने के बाद भी इंसाफ नहीं दिला सकता क्या उमीद की जाए इस देश के कानून और राजनेताओ से ।
क्या हमारे देश के लाखों शहीदों ने इसी भारत की कल्पना की थी जो आज हमारे सामने है राजमार्ग से निचे उतर कर 5-7 किलोमीटर अन्दर वो गाव देखिये तो भारत आपको वही खड़ा दिखाई देगा जहा पर भगत सिंह या चद्रशेखर छोड़ कर गए थे |
आपको ये बाते बातने का मकसद यही है की 26 जनवरी को मीडिया आपको सेना के टैंक, मिसाईल, विकास की खबरे
दिखायेगा ताकि इसका असर आगामी चुनाव में पड़े |
फिर भी यदि शुभकामनाये देनी ही है तो में उन काले अंग्रेजो को प्रजातंत्र की बधाई दुगा जिनके लिए ये लुटतंत्र की काली आजादी है |
खर्च करने को 20 रुपये नहीं है ,
मत भूल जाना world hunger report जो कहती है कि भारत मे हर 1 मिनट में 13 लोग भूख से मर जाते है और शाम होते तक लगभग 10000 हजार लोग भूख से ही मर जाते है ,
मत भूल जाना इस देश में 15 करोड़ लोगो के पास आज भी तन ढकने को 2 मीटर कपड़ा नहीं है ,
मत भूल जाना आजाद होने के 66 साल बाद। भी देश की सरकार आम आदमी की जरुर की चीजे उसे नहीं मुहिया करवा पाई ,
मत भूल जाना की कैसे आज भी इस देश का अन्नदाता (किसान ) आत्महत्या करता है,
मत भूल जाना की आज भी देश के राज नेता उन शहीदों को उनका हक़ भी नहीं दिला सके जिन शहीदों ने इस देश की अखंडता बनाये रखा 65, 71, 99 के लड़ाई में अपनी जान हँसते-हँसते दे दी,
मत भूल जाना की आज भी देश उस मजहब की चिंगारी की आग पर बैठा है कि न जाने कब इस देश के फिर से दो टुकड़े न कर दे,
मत भूल जाना की कैसे बलात्कार पीडिता को इस देश का कानून जीतेजी तो छोडिये मरने के बाद भी इंसाफ नहीं दिला सकता क्या उमीद की जाए इस देश के कानून और राजनेताओ से ।
क्या हमारे देश के लाखों शहीदों ने इसी भारत की कल्पना की थी जो आज हमारे सामने है राजमार्ग से निचे उतर कर 5-7 किलोमीटर अन्दर वो गाव देखिये तो भारत आपको वही खड़ा दिखाई देगा जहा पर भगत सिंह या चद्रशेखर छोड़ कर गए थे |
आपको ये बाते बातने का मकसद यही है की 26 जनवरी को मीडिया आपको सेना के टैंक, मिसाईल, विकास की खबरे
दिखायेगा ताकि इसका असर आगामी चुनाव में पड़े |
फिर भी यदि शुभकामनाये देनी ही है तो में उन काले अंग्रेजो को प्रजातंत्र की बधाई दुगा जिनके लिए ये लुटतंत्र की काली आजादी है |
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