जो लोग सरकार या आर्मी ऑफिसियल की #जवानों_को_अच्छे_खाने वाली बात पर आँख बंदकर विश्वास कर रहे है वो वही लोग है जिनको घरवाले बोलते थे कि वो जन्मे नहीं है, उनको तो #परी_रानी_माँ_की_गोद में छोड़ के गयी, पर विश्वास कर लेते थे । खैर ये व्यंग्य था पर अगर आपको यकीन न हो तो अपने आस पास कोई जवान छुट्टी पर आ रखा हो उससे पूछ लीजिये । मेरे घर में तो हर तरह के जवान ( आर्मी, bsf, एयरफोर्स, नेवी, itbp आदि ) भरे पड़े है इसलिये ठोक के बोलता हूँ, खाना और सुविधा के नाम पर जवान ठगे जाते है और अफसर मौज उड़ाते है । ऐसा नहीं है कि ये पहली बार हुआ है, इससे पहले भी एक फौजी ने बांग्लादेश बॉर्डर को लेकर जो सच बोला था वो तो बेहद ही चोंकाने वाला था, जिसमें अफसरों पर पैसे लेकर बॉर्डर पार कराने जैसे संगीन आरोप भी लगे थे । शायद तब हमारी देशभक्ति हिलोरे इसलिये न मारी होगी क्योंकि वो सैनिक मुस्लिम था, पर ये तो हिन्दू भी है फिर इसे क्यों गाली दी जा रही है । नीचे हमारी देशक्ति के 2 सबुत भर दे रहा हूँ ....
आप को कुछ आसान से उदाहरण से समझाता हूँ, जैसे पहले पहल
आप कैंटीन का ही ले लो, ज्यादातर सामान अफसर बीवियाँ उठा ले जाती है और बाकि हम लोगों के लिये बचता है । जब पूरा सामान कैंटीन में आता है तो फिर हम जब भी जाते है तब साबुन, सर्फ, शैम्पू, बिस्किट ही क्यों मिलते है, बाकि सामान कहाँ और कौन ले जाता है ।
दूसरी बात आपको बताता हूँ NCC की, मैं 3 साल आर्मी कैडेट रहा हूँ, लास्ट दिन अच्छे खाने के अलावा कभी नहीं मिला, आपको मिला हो तो बताएं । कैंप में आपको कितनी गोली चलाने को मिली ? क्या कैंप पुरे 10 दिन चला भी कि नहीं ? यहाँ भी बजट गायब कर दिया जाता है, जहाँ पब्लिक इन्वॉल्वमेंट ज्यादा रहता है तो सोचिये अंदर क्या खेल चलता होगा ? मेरे एक चाचा के शब्दों में कहूँ तो यूँ कि " हर देश की आर्मी, वहाँ की सबसे बड़ी घोटालेबाज और भ्रष्ट होती है ।"
हम तो ये बात ऐसे भी उठाते रहते है पर तब आपकी देशभक्ति कुलांचे मारती है और बुनियादी सवालों को दबा देती है, पर अब तो शर्म करो, कम से कम अब तो आवाज उठाओ । और सवाल न उठाने की जिस परंपरा को आप फलीभूत करने में लगे है, ये उसी का परिणाम है कि आज वो अपने हक़ की आवाज उठाकर भी कोर्ट मार्शल का सामना करेगा ही । क्यों किसी डिपार्टमेंट को सवालों से दूर रखें ? क्या आपके टैक्स का पैसा वहाँ नहीं लगा है ? लगा होने के बाद भी आप सवाल नहीं उठाते तो समझिये या तो आप ऊँचे दर्जे के बेवकूफ है या फिर आपको इस बात की खबर ही नहीं है कि आप इनकम टैक्स के अलावा भी सैकड़ो तरह के टैक्स देते है । इन दोनों के अलावा एक खास श्रेणी उन भक्तों की भी है जो सवाल उठाने वाले से सवाल करके चुप करवा देते है । ये वो लोग है जो आपको गुलामी के करेले पर भक्ति की चाशनी लगाकर आपको जबरदस्ती निगलाने का काम करते है, इसलिये इनकी संगत से हो सके जितना बचो ।
अंत में तेजबहादुर जी की बहादुरी को सलाम, पता है इनपर अब कारवाई होगी फिर भी इन्होंने हिम्मत की है, उसकी देश की हर आर्मी फैमिली दाद और धन्यवाद देती है ।
नोट : जवानों से थोड़ा घुमा फिराकर पूछना, क्योंकि सारी देशभक्ति इनमें ही भरी होती है, अफसरों में नहीं । इसलिये आपको वहाँ आसानी से जवाब नहीं मिलने वाला, थोड़ा सा इमोशनल करना और सच्चाई बाहर
आप को कुछ आसान से उदाहरण से समझाता हूँ, जैसे पहले पहल
आप कैंटीन का ही ले लो, ज्यादातर सामान अफसर बीवियाँ उठा ले जाती है और बाकि हम लोगों के लिये बचता है । जब पूरा सामान कैंटीन में आता है तो फिर हम जब भी जाते है तब साबुन, सर्फ, शैम्पू, बिस्किट ही क्यों मिलते है, बाकि सामान कहाँ और कौन ले जाता है ।
दूसरी बात आपको बताता हूँ NCC की, मैं 3 साल आर्मी कैडेट रहा हूँ, लास्ट दिन अच्छे खाने के अलावा कभी नहीं मिला, आपको मिला हो तो बताएं । कैंप में आपको कितनी गोली चलाने को मिली ? क्या कैंप पुरे 10 दिन चला भी कि नहीं ? यहाँ भी बजट गायब कर दिया जाता है, जहाँ पब्लिक इन्वॉल्वमेंट ज्यादा रहता है तो सोचिये अंदर क्या खेल चलता होगा ? मेरे एक चाचा के शब्दों में कहूँ तो यूँ कि " हर देश की आर्मी, वहाँ की सबसे बड़ी घोटालेबाज और भ्रष्ट होती है ।"
हम तो ये बात ऐसे भी उठाते रहते है पर तब आपकी देशभक्ति कुलांचे मारती है और बुनियादी सवालों को दबा देती है, पर अब तो शर्म करो, कम से कम अब तो आवाज उठाओ । और सवाल न उठाने की जिस परंपरा को आप फलीभूत करने में लगे है, ये उसी का परिणाम है कि आज वो अपने हक़ की आवाज उठाकर भी कोर्ट मार्शल का सामना करेगा ही । क्यों किसी डिपार्टमेंट को सवालों से दूर रखें ? क्या आपके टैक्स का पैसा वहाँ नहीं लगा है ? लगा होने के बाद भी आप सवाल नहीं उठाते तो समझिये या तो आप ऊँचे दर्जे के बेवकूफ है या फिर आपको इस बात की खबर ही नहीं है कि आप इनकम टैक्स के अलावा भी सैकड़ो तरह के टैक्स देते है । इन दोनों के अलावा एक खास श्रेणी उन भक्तों की भी है जो सवाल उठाने वाले से सवाल करके चुप करवा देते है । ये वो लोग है जो आपको गुलामी के करेले पर भक्ति की चाशनी लगाकर आपको जबरदस्ती निगलाने का काम करते है, इसलिये इनकी संगत से हो सके जितना बचो ।
अंत में तेजबहादुर जी की बहादुरी को सलाम, पता है इनपर अब कारवाई होगी फिर भी इन्होंने हिम्मत की है, उसकी देश की हर आर्मी फैमिली दाद और धन्यवाद देती है ।
जबरदस्त भाई
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