28 जनवरी 2011 को सुबह TOI में एक खबर देखी थी; कुछ लोग 30 जनवरी को लोकपाल नाम की संस्था की माँग करेंगे देश भर में । आंदोलन तो मेरा सबसे कमजोर पक्ष है तो सोचा चलेंगे हम भी पर अजमेर कुछ नहीं हुआ ( या हुआ तो मुझे कोई खबर नहीं मिली ) तो 31 को अख़बार में खबर देख के ही खुश हुये कि अरविन्द केजरीवाल, प्रशांत भूषण, मनीष सिसोदिया, किरण बेदी, श्री श्री रविशंकर, मो. मदनी और आर्कबिशप ने लोकपाल बिल के लिये दिल्ली में मार्च का नेतृत्व किया । इनमें से रविशंकर का नाम ही सुना हुआ था बाकि मेरे लिए अनजान थे । फिर अख़बार में कहीं इनकी संस्था का नाम दिखा India Against Corruption तो झट से गूगल किया तो इसका fb पेज चेक किया तो वहाँ से पता चला कि जनलोकपाल आखिर क्या बला है और कौन हैं ये लोग । उसके बाद दिल्ली, जयपुर और अजमेर में हुये सभी अनसन, प्रदर्शन, मार्च में सक्रिय रूप से भाग लिया ।
फिर जो सफर शुरू हुआ उसके बाद आज 5 साल हो गये हैं जिनमें तबके एक्टिविस्ट आज के सफल पॉलिटिशियन बन गये हैं और आज 3 साल के बाद दिल्ली में सरकार में हैं और पंजाब से 4 MP हैं ...और आगे भी यूँ ही बढ़ते चलेंगे ...( पूरी कहानी कभी और जब टाइम मिला तब लिखेंगे )
फिर जो सफर शुरू हुआ उसके बाद आज 5 साल हो गये हैं जिनमें तबके एक्टिविस्ट आज के सफल पॉलिटिशियन बन गये हैं और आज 3 साल के बाद दिल्ली में सरकार में हैं और पंजाब से 4 MP हैं ...और आगे भी यूँ ही बढ़ते चलेंगे ...( पूरी कहानी कभी और जब टाइम मिला तब लिखेंगे )
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