आसाराम, संत का चोला ओढ़े एक ढोंगी (या अपराधी ), जो कि धर्म के नाम पर अपनी दुकान चलाता है लेकिन आजकल जेल में हैं और मैं आपको इसके अलावा एक और मामला बताता हूँ , जिससे ये ढोंगी पहले भी जेल जा सकता था और इस नाबालिग लड़की की इज्जत बच सकती थी और वो मामला है आसाराम के आश्रम में हुई 2 बच्चो (नाम : दीपेश और अभिषेक,उम्र : 8 वर्ष ) की हत्या (दिनांक 5 जुलाई 2007 ) का । और हत्या के बाद लाश मिली थी जिनके गुदाद्वार पर चोट के निशान थे (पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मतलब की तब भी इसके आश्रम में ये सब होता था ) ।
और इस केस की जाँच के लिए गठित डी के त्रिवेदी कमीसन की रिपोर्ट 6 साल बाद 1 महीने पहले रिपोर्ट पेश हुई है ।
उन बच्चों के माँ-बाप कई बार गुहार लगा चुके थे लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला ।
इतनी देरी से रिपोर्ट आने के कारण ही आशाराम की हिम्मत और बढ़ी और अब ये एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार का आरोप में जेल में हैं ।
क्या उस वक्त कोई एक्शन लिया जाता तो फिर ये बाबा इतनी हिम्मत कर पाता ??? नही । शायद तब की गलती अब भी दोहराई जाती लेकिन सिर्फ सोशल मीडिया की वजह से इस बार मामला ठंडा नही हुआ और आख़िरकार गिरफ़्तारी हुई ।
मुझे तो शक है कि कहीं ये पूरा सेक्स रैकेट तो नही है न ।
गिरफ़्तारी तक तो ठीक था लेकिन बाद में जेल में इनका अलग से रहना, कैदियों का खाना न खाना, जाँच अधिकारी को रिश्वत का लालच देना, इनके बेटे द्वारा लोगों को भड़काना और जाँच अधिकारी को जान से मारने की धमकी दिलवाना इत्यादि कृत्य किये गये और फिर भी इनके साथी धर्म के ठेकेदार (आचरण और व्यवहार देख के मुझे यही शब्द उपयुक्त लगा) वी एच पी का कहना है कि " आसाराम जैसे
लोगो को पकड़ कर हिन्दू समाज को कमजोर
किया जां रहा है ..आश्चर्य.....मेरा तो मानना है कि आसुमल और विहिप मिलकर हिन्दुओं को बदनाम कर रही हैं " ।
आज जरुरत है कड़ी करवाई की । जिससे इन जेसे लोगो को सबक सिखाने की और लोगो को अंधविश्वास से दूर रखने की क्यूकि ये नही तो कल कोई और आ जायेगा इसका ही भाई फिर से लोगो को ठगने के लिए ।
अंत में बताना चाहूँगा कि ये और इसके जेसे ढोंगी बोलते है कि इनको भगवान ने भेजा है लेकिन ये झूठ बोलता है क्यूकि भगवान इतने निर्दयी नहीं हो सकते कि इन जेसे लोगो को हमारे उत्थान के लिए भेजे ।
Thursday, 5 September 2013
संत आसाराम और हिन्दू समाज
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