लाखो घर बर्बाद हो गये इस दहेज़ की बोली में ,
अर्थी चड़ी बहुत कन्याये बैठ न पाई डोली में ,
कितनो ने अपनी कन्यायो के पीले हाथ कराने में
कहाँ कहाँ तक मस्तक टेकें आती शर्म बताने में ,
जिस पर बीती वही जानता ,शब्द नहीं है कहने
को ,
कितनो ने बेचें मकान है ,अब तक अपने रहने के ,
गहने खेत मकान रख दिए ,सिर्फ भोज
की रोली में ,
लड़के वाले दरें बढ़ाते जाते धन की आशा में ,
लाखो घर बर्बाद हो गये इस दहेज़ की बोली में
……
२ यही हमारा मनुज रूप हैं यही अहिंसा प्यारी है ,
लड़की वालो की गर्दन पर संतोष यही कटारी हैं ,
आग लगे ऐसे दहेज़ को ,
जिसको मानवता की फिक्र नहीं ,
लाखो घर बर्बाद हो गये इस दहेज़ की बोली में
……
अब भी चेतो लड़के वालो ,कन्याओ की शादी में ,
नहीं बटाओ हाथ इस तरह ,तुम ऐसी बर्बादी में ,
तुम को भी ऐसा दुःख होगा ,जब ऐसा पल आएगा
अथवा ये बेवस का पैसा तुम्हे नरक ले
जायेगा ,,,,
(मनीष जाइसवाल)
Sunday, 9 December 2012
दहेज़
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
डॉ कलाम को श्रद्धांजलि
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam ) का जन्म 15 October 1931 को तमिलनाडु के Rameswaram में हुआ । इन्होंने 1960 ...
-
फतेहपुर शेखावाटी शहर, जहाँ के हम वाशिंदे हैं । इसको दुनिया की ओपन आर्ट गैलरी भी बोला जाता है क्योंकि यहाँ हवेलियों पर चित्रकारी की हुई है, ...
-
न तो मैं सबल हूं, न तो मैं निर्बल हूं, मैं कवि हूं। मैं ही अकबर हूं, मैं ही बीरबल हूं। उपरोक्त पंक्तियों को चरितार्थ करने वाले जनकवि ...
-
BJP Party Scams 1. Operation Westend 2. Phukhan Commission 3. Kargil Coffin Scam 4. Kargil Cess Misuse 5. Telecom Scam- Pramod Mahajan-...
No comments:
Post a Comment